Friday, July 2, 2010

आतंकवादियों के फांसी का विरोध करने वालों का विरोध...


वन्दे मातरम !!
आज हर भारतवासी की तरह मै भी व्यथित हूँ, और यह सोचने पर मजबूर हूँ की कैसे कोई व्यक्ति और विशेषकर वह व्यक्ति जो सर्वाधिक आतंकी गतिविधियों से पीड़ित प्रदेश का मुखिया है, आतंकवादियों की फांसी की सजा को माफ़ करने की बात कर सकता है......आज एक आम भारतीय होने के नाते मै इस विचार का विरोध करता हूँ और मुझे यह कहने में कतई संकोच नहीं है की इस प्रकार की बात करने वाले लोगों पर शासन प्रशासन कोई कार्यवाही करे न करे पर जनता ऐसी भावनाओं और इस गुहार को तो कतई स्वीकार नहीं करेगी !!
मै अपनी भावनाएं इस कविता के माध्यम से आपके समक्छ व्यक्त करना चाहता हूँ की :-

देखो कैसा समय है आया, आतंकी ने भी एप्रोच लगाया,
और उमर {उमर अब्दुल्ला} ने चेहरा असली दिखलाया..

करता है गुहार वह, माफ़ करो अजमल अफज़ल को,
गुहार पर धित्कार है, लगता है चल रहा लाशों का व्यापार है..

कैसे माफ़ करें हम मासूमों के हत्यारों को,
छिना है जिसने हमसे हमारे प्यारों को..

भूल गए क्या संसद पर हमला, हमलों से मुंबई जब दहला,
कश्मीर निशाने पर रहता सदा है क्या यह भी भूल गए अब्दुल्ला..

फांसी पर चढाओ पहले जो इनका समर्थक है,
कहता है जो फांसी देना आतंकी को निरर्थक है..........!!
अगर आप मेरी भावनाओं से सहमत हैं तो कृपया अपनी प्रतिक्रिया अवश्य देवें!!

14 comments:

  1. vande matram bhaiya !!
    sach kaha hai aapne aatankwadiyon ke fansi ka virodh karne wala sach me fansi par latkaya janachahiye kyonki inse hi unhe aisi harkaten karne ki prerna milti hai.
    mai aapko bhi shubhkamnayen deta hu aapki behtarin kavita aur ise vyakt karne ke sahsik prayas ke liye ...........KEWAL !!

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  2. जय हिंद। आप से पूरी तरह से सहमत।। जय हिंद। जय भारत।।

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  3. Shi hai bhai.......in aatnkiyo ko to ....... fansi se bhi badhkar sja deni chahiye.....

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  4. "सठियाने की ऊमर अभी तो हुई नहीं अब्दुल्ला की
    जरुर मिलीभगत है इससे आतंकी कठमुल्ला की
    हिंद के दुश्मन की भाषा में जाने क्यूँ तू बोल रहा
    मुल्कपरसती सीख उमर, कसम है तुझको अल्ला की."

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  5. वाह नेताजी क्या बात है............!!
    एक के बाद एक आपके साहसिक बयान आते ही जा रहे हैं, मान गए आपको और आपकी देशभक्ति को "भारतीय" की भावनाओं से मै पूरी तरह सहमत हूँ और लगातार लोकप्रिय हो रहे ब्लॉग के लिए बधाई और शुभकामनायें देती हूँ !!

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  6. भारत की अस्मिता को तार तार करता जो ऐसे देश द्रोही पर ना उपकार कीजिये
    चाहे कोई बादशाह या हो कोई मुख्यमंत्री गादर को गद्दी से उतार आप फेकिये
    संसद पे हमले के लिए जो गुनहगार फाँसी उनको गले का उपहार दीजिये
    उग्रवादियों को क्षमादान की जो करे बात गोली उन के भी सीने में उतार दीजिये
    गोली उन के भी सीने में उतार दीजिये ...........
    हर हर महादेव

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  7. मित्रो जो भी कायर है वो ही उग्रवादियों को क्षमादान की बात कर रहे हैं ....यों बकरियों की भाति हिनहिनाते हुवे ये बोलना की कातिलों को फाँसी दो हम सब को शोभा नहीं देता
    तुम्हारा सिंघ्त्व तुम्हारे जय घोष से सुनाई देना चाहिए ..
    दोनों हाथ ऊपर उठावो मुट्ठी बंधो कमर सीढ़ी ...और अब ऊँचे स्वर से बोलो
    ये जो कीतिल की फांसी की माफ़ी की तैयारी है
    ये दरबारी कायरता है अपराधिक गद्दारी है
    ये बाघों का शरण पत्र है भेड़ सियारों के आगे
    वट विर्क्षो का शीश नमन है खर पतवारो के आगे

    जैसे कोई ताल तलैया गंगा यमुना को डांटे
    चार तमंचे मार रहे हैं ऐटम के मुख पर चांटे
    जैसे एक समुंदर चुल्लू भर जल गागर से मांगे
    ऐसे घुटने टेक रहा है सूरज जुगनू के आगे

    राज महल के सारे दर्पण मैले मैले लगते हैं
    इनके खुनी पंजे दरबारों तक फैले लगते हैं
    इन सब से तो पर्दा पहले उठाना बहुत ज़रूरी है
    पहले घर के गद्दारों का काटना बहुत ज़रूरी है

    बन्दूको कि गोली का उत्तर सद्भाव नहीं होता
    हत्यारों के लिए अंहिंसा का प्रस्ताव नहीं होता
    कोई विषधर कभी शांति के बीज नहीं बो सकता है
    और भेडिया शाकाहारी कभी नहीं हो सकता है

    हमने इतने साल खो दिए स्वेअत कबूतर उड़ाने में
    खुनी पंजो के गिद्धों को गायत्री समझाने में
    गर भारत को शांति चाहिये कश्मीर कि रैली में
    दिल्ली उत्तर देना सीखे इस्राईल कि शैली में

    हर मुश्किल का हल मत पूछो असमान के तारों से
    सूरज किरने नहीं मागंता नभ के चाँद सितारों से
    माँ भारती के चीर हरण पे जो चुप पाए जायेंगें
    इतिहासों के पन्नो में वे सब कायर कहलायेंगे.................
    इतिहासों के पन्नो में वे सब कायर कहलायेंगे..................
    निर्णय हम को करना है देश की सेवा या देश से गद्दारी
    हर हर महादेव

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  8. हर सच्चे भारतीय की भावनाओं का प्रतिबिम्ब हैं आपके विचार. देश की अस्मिता पर प्रहार करने वाले को सजा से बचाने का प्रयास करने वाला व्यक्ति, चाहे वह जो कोई भी हो; हिन्दुस्तान का हितैषी नहीं हो सकता. लाजिम तौर पर उसके साथ देश के कानून को पूरी सख्ती से पेश आना चाहिए. ताज्जुब इस बात का है की सवैधानिक पद पर बैठे हुए जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा ऐसा बयान दिया जाता है, और मुल्क खामोश है.

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  9. वन्दे मातरम भैया........आपने सही लिखा है जो लोग आतंकवादियों के समर्थक हैं उन्हें पहले फांसी पर चढ़ा देना चाहिए ....................मेरी शुभकामनायें सदा आपके साथ है

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  10. वन्दे मातरम भैया........आपने सही लिखा है जो लोग आतंकवादियों के समर्थक हैं उन्हें पहले फांसी पर चढ़ा देना चाहिए ....................मेरी शुभकामनायें सदा आपके साथ है

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  11. वन्दे मातरम भैया........आपने सही लिखा है जो लोग आतंकवादियों के समर्थक हैं उन्हें पहले फांसी पर चढ़ा देना चाहिए ....................मेरी शुभकामनायें सदा आपके साथ है

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  12. nice one bhaiya .............kep it up

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  13. nice one bhaiya..............keep it up

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  14. देश के खातिर नाथू राम का योगदान भी ठीक था ?


    सोच नाथू राम गोड्स की


    जीवित रहना महात्मा गांधी का,
    ठीक नहीं था, देश और खुद उनके सेहद के लिए.
    आज सरेआम वलात्कार की जा रही है,
    उनके सपनों के भारत की,
    भर्ष्टाचार के बुलडोजर से .
    मिटा दी गई है,
    राम राज्य की निशानी,
    अतिक्रमण का नाम देकर.
    नहीं देख सकते थे हकीकत,
    अपने सपनों के भारत की.
    सांसे रुक जाती, जब होता,
    मासूमों के साथ वलात्कार.
    रूह कांप उठाता देखकर,
    गरीबों का नरसंहार.
    पूजा करते मंदिरों में......
    अनसन करते, संसद के सामने.
    हो सकता है, बेचैन आत्मा,
    संसद भवन के पास भटकती,
    मुक्ति के इन्तजार में.
    कितना आगे था, सोच
    नाथू राम गोड्स की,
    जो भारत का वलात्कार होने से पहले,
    कर दी, पवित्र आत्मा को मुक्त,
    सदा के लिए...........

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