Sunday, June 20, 2010

पिताजी.........

क्या लिखूं पिता पर कुछ भी समझ न पाता हूँ, कहना तो चाहता हूँ पर मौन ही रह जाता हूँ!!क्या कह सकता हूँ मै पिता पर कुछ, वो तो मेरी ख़ामोशी भी जान जाते हैं, मेरी हंसी पर हँसते हैं, मेरे ग़मों में रोते हैं और मेरी आँशु बारिश में भी पहचान जाते हैं, उनके आशीर्वाद से मेरे बिगड़े काम भी बन जाते हैं!! मेरी हर जिद पूरी करते हैं, वो कभी न मुझसे कुछ कहते हैं, खुद तो दुखी होते हैं पर मुझको सदा हंसाते हैं और मुझे हँसता देखकर खुद भी मुस्काते हैं, जीवन के हर मोड़ पर वो मेरा साथ निभाते हैं, पिता नहीं विधाता हैं वह, जो हर पल पूजे जाते हैं !! हे इश्वेर प्रार्थना है मेरी, दुनिया के हर माता पिता को चिरायु, दीर्घायु और शतायु बनायें और सभी संतानों को इतना काबिल बनायें की वे अपने माता पिता की सेवा कर सकें.........!!

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