Monday, September 27, 2010

हबीब साहब हमारे प्रेरणाश्रोत ...........




समस्त आत्मीय जनों को आपके अपने गौरव शर्मा "भारतीय" की ओर से सादर प्रणाम !!
सर्वप्रथम आप सभी को मै हर्ष के साथ यह सुखद समाचार देना चाहता हूँ कि आप सभी के सहयोग एवं आशीर्वाद से "अभियान भारतीय" को अब तक लगभग १७००० सन्देश प्राप्त हो चुके हैं तथा इसकी लोकप्रियता में निरंतर वृद्धि जारी हैं|मै "अभियान भारतीय" को स्वीकारने उसे अपना समर्थन मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद प्रदान करने के लिए आप सभी के प्रति सादर आभार व्यक्त करता हूँ |
आज मै किसी महत्वपूर्ण विषय पर अपना राय अभिव्यक्त करने या किसी गंभीर विषय पर चिंतन करने के लिए नहीं वरन एक अतिमहत्वपूर्ण सख्शियत के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए उपस्थित हूँ , यह पोस्ट मै आदरणीय एस. एम्. हबीब साहब के प्रति सादर आभार व्यक्त करते हुए उन्हें समर्पित कर उनसे मुझे अनवरत प्राप्त स्नेह, आशीर्वाद, सहयोग एवं मार्गदर्शन के लिए उनका शुक्रिया शब्दों में अदा करने का असंभव प्रयास कर रहा हूँ | हबीब साहब एक बहुआयामी प्रतिभावान सौम्य एवं सरल व्यक्तित्वा का नाम है जो एक कुशल चित्रकार ह्रदय स्पर्शिर लेखक, कवी के साथ साथ नेकदिल इन्सान भी हैं, सच कहूँ तो हबीब साहब के व्यक्तित्वा और क्रितित्वा को रेखांकित कर पाना मुझ जैसे अकिंचन के लिए कतई संभव नहीं है|
आज जन जन के ह्रदय मेंअपना स्थान बना चुकी "अभियान भारतीय" मेरी एक कल्पना ही तो थी और मैंने कभी स्वप्न में भी नहीं सोचा था कि लोगों का इतना अधिक स्नेह सहयोग एवं समर्थन हमें "अभियान भारतीय के माध्यम से मिल सकता है| बिना किसी रूपरेखा एवं योजना के मै महज एक कल्पना के साथ आदरणीय हबीब साहब के पास पहुंचा और उन्हें अपनी इच्छा से अवगत कराया तो न केवल उन्होंने मेरा उत्साह बढाया, मुझे मार्गदर्शन प्रदान किया वरन एक कल्पना को मूर्त रूप देने के लिए दिन रत एक कर "सन्देश पुस्तिका" के रूप में इस अभियान के आधार का निर्माण कर एक कार्ययोजना तथा रूपरेखा का निर्धारण उन्होंने किया| यह सन्देश पुस्तिका ही आज "अभियान भारतीय" कि पहचान है, और अभियान को जन जन तक पहुँचाने का माध्यम है| मुझे आप सभी को यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि इसका संयोजन एवं संपादन भी स्वयं हबीब साहब ने ही किया है| कहना व्यर्थ न होगा कि अगर हबीब साहब का आशीर्वाद और सहयोग हमें न मिलता तो शायद "अभियान भारतीय" कि कल्पना केवल कल्पना ही रह जाती |
मै ईश्वर से परम आदरणीय हबीब साहब के स्वस्थ समृद्ध एवं दीर्घायु जीवन कि प्रार्थना करता हूँ एवं आदरणीय हबीब साहब से सादर आग्रह करता हूँ कि आप अपना आशीर्वाद मय हाथ सदा मेरे सर पर बनायें रखें और आपका स्नेह और आशीर्वाद मुझमे निरंतर नविन उत्साह का संचार करता रहे ........वन्दे मातरम !!

Monday, September 6, 2010

जनता तो एक है पर............


" आम भारतीय तो हमेशा से एक है और कभी आपस में जात पात के नाम पर नहीं लड़ना चाहता, बल्कि व्यस्ततम दिनचर्या में व्यक्ति को खुद के जाती धर्म, भेदभाव आदि के बारे में सोचने का टाइम भी नहीं मिलता पर फिर भी अगर अगर जाती, धर्म, प्रांतवाद और भाषावाद के नाम पर झगडे होते हैं, आपस में संघर्ष होते है, तो कुछ स्वार्थी और मतलबपरस्त लोग जो तथाकथित रूप से देश के कर्ताधर्ता बने हुए हैं उनके कारण होते है, उनके द्वारा निर्मित नीतियों के कारण होते है| आम भारतवासी तो एक था, एक है, और एक होकर रहना चाहता भी है, आपका यह अभियान करारा जवाब है ऐसे लोगों को जो देश की जनता को जाती धर्म भाषा के नाम पर बाँटने का सपना संजोये हैं |
कभी जात पात के नाम पर, तो कभी आरक्षके नाम पर, तो कभी जाती आधारित जनगणना के नाम पर केवल देश को बाँटने का काम इन स्वार्थी तत्वों के द्वारा किया जाता है पर अब आपके इस अभियान से जनता में जिस प्रकार नयी चेतना तथा जागरूकता का संचार हो रहा है, निश्चित रूप से इस प्रकार का कुत्सित प्रयास करने वालों को मुहतोड़ जवाब मिलेगा और आपका प्रयास "अभियान भारतीय" के रूप में अवश्य सफल होगा"
उक्त विचार गुरुकुल महिला महाविधालय की प्राचार्य आदरणीया अर्चना दीछित जी तथा साथी प्राध्यापक जनों ने "अभियान भारतीय" के टीम के क्ष व्यक्त किये और इस अभियान के लिए अपनी ओर से अधिकाधिक सन्देश प्रेषित कर इसे सफल बनाने का संकल्प भी सबने लिया |
चिंतन करने पर उपरोक्त बातें पूर्णतः सच ही प्रतीत होती है, आज के परिवेश में कुछ लोग न जाने क्यों हमारे अनेकता में एकता की संस्कृति से परिपूर्ण देश को एकता से अनेकता की ओर ले जाने में प्रयासरत हैं, कभी जाती धर्म के नाम पर, तो कभी भाषावाद और प्रांतवाद के नाम पर लोगों की भावनाओं की भड़काकर मतलब की रोटी सेंकने में लगे हुए हैं | क्या केवल जाती आधारित जनगणना से ही देश की वास्तविकता का अंदाजा होगा ? बिलकुल नहीं !! पर इससे लोगों को आपस में बाँटने का बहाना कुछ लोगों को अवश्य मिल जायेगा| निश्चित रूप से आरक्षण की प्रक्रिया भी जातिवाद को बढ़ावा देकर जनता में आपसी द्वेष और वैमनस्यता के बिज बोने में प्रमुख कारक सदा से रहा है| आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए, पर जाती धर्म के आधार पर, नहीं आर्थिक स्थिति के आधार पर जिससे प्रतिभावान और योग्य मगर आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति को इसका लाभ मिले और लोगों के मन में वैमनस्यता, द्वेष की भावना के स्थान पर संतुष्टि और ख़ुशी के भाव तथा चेहरे पर मुस्कान नजर आये और देश की उत्तरोत्तर उन्नति के साथ ही हमारा भारत विश्वगुरु के रूप में पुनः प्रतिष्ठित हो सके |
इसी उद्देश्य को लेकर "अभियान भारतीय" आज देश की जनता के समक्छ उपस्थित है , मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है की जो व्यक्ति, विचारधारा अथवा नीतियाँ लोगों को आपस में लड़ाने का, उनके मन में आपसी विद्वेष की भावना का संचार कर उन्हें बाँटने का प्रयास करती हैं, "अभियान भारतीय" उसका विरोध अपने एकता, भारतीयता तथा आपसी प्रेमभाव के सन्देश के द्वारा करेगी और भारत की जनता को एकता के सूत्र में पिरोने के लक्छ को अवश्य प्राप्त करेगी, मै अंत में सभी देशवासियों को जिनका सन्देश "अभियान भारतीय" के लिए हमें प्राप्त हो रहा है सादर आभार व्यक्त करता हूँ तथा पिछले पोस्ट पर मिले स्नेह और आशीर्वाद के लिए मै अपने समस्त सुधि पाठकों तथा आत्मीय जनों का भी आभारी हूँ, वन्दे मातरम ............!!|