Wednesday, August 25, 2010
"अभियान भारतीय" के उद्देश्य वृद्धाश्रम में प्रासंगिक.....
वन्दे मातरम आपका अपना गौरव शर्मा "भारतीय" समस्त आत्मीय जनों को प्रणाम करता हूँ, आज मै "अभियान भारतीय" को बुजुर्गों से मिले आशीर्वाद और व्यापक समर्थन को विशेष रूप से आप तक पहुँचाने के लिए उपस्थित हूँ !!
"अभियान भारतीय" की टीम का स्कूलों, कालेजों के साथ ही अन्य सार्वजानिक स्थानों में जाने और जनसामान्य से लेकर गणमान्य नागरिकों से संपर्क करने का दौर प्रारंभ हो चूका है इसी कड़ी में हम बुजुर्गों का आशीर्वाद और समर्थन प्राप्त करने के लिए वृद्धाश्रम पहुंचे और वहां पर हमने "अभियान भारतीय" के उद्देश्य का जीवंत दर्शन किया |
वहां पर अपनों के सताए हुए कुछ बुजुर्गों ने हमारा स्वागत किया और हमसे हमारे आने का करण जानना चाहा इस पर हमारी टीम की वरिष्ठ सदस्य आदरणीय ममता दीदी ने उन्हें "अभियान भारतीय" के लिए उनके आशीर्वाद लेने की हमारी इच्छा के सम्बन्ध में बताया तो जैसे उनके अन्दर के दुखों और गुस्से का भाव फुट पड़ा और उनके मुह से निकल पड़ा कोई "क्या करोगे हमारा आशीर्वाद लेकर वैसे भी आजकल आशीर्वाद का मोल नहीं है" हम सभी अचानक एकदम शांत हो गए और कमरे में ख़ामोशी छा गयी और बुजुर्ग दादाजी ने फिर से बोलना प्रारंभ किया और कहा की "अगर आशीर्वाद का अपनापन का अनुभव का कोई कीमत होता तो आज हम यहाँ नहीं होते" कुछ समय तक वह इसी प्रकार अपनी बातें कहते रहे फिर न जाने उन्हें क्या सुझा अचानक खामोश हो गए और फिर बोले "अच्छा बताओ क्या है ये अभियान भारतीय" और पुनः सब खामोश हो गए और मेरी और देखने लगे {मानो कोई अब कुछ कहना न चाह रहा हो} | फिर मैंने हलके से झिझक के साथ अपने अभियान का उद्देश्य बताना प्रारंभ किया की हम भारत की जनता को जात पात के भेदभाव से मुक्त कर भारतीय बन एकता के सूत्र में पिरोने की अपील इस अभियान के माध्यम से कर रहे हैं, सभी बुजुर्गों ने बात को बड़ी ही गंभीरता से सुना, अब मेरी बात ख़त्म हो चुकी थी और उनके चेहरे पर और संतोष का भाव श्पष्ट दिखाई दे रहा था| मैंने कहा, क्यों दादाजी अब तो दोगे न हमें आशीर्वाद, तो उन्होंने मुस्कुराकर कहा "बेटा तेरा अभियान खूब सफल होगा जब हम सब बूढ़े यहाँ अलग अलग जाती धर्मों के, अलग अलग संस्कृतियों के होने के बाद भी मिलजुल कर रह सकते हैं, जब हम इसी को अपना परिवार, समाज और देश मान सकते हैं तो फिर सब जवान जाती धर्म के भेदभाव को भूलकर एक होकर क्यों नहीं रह सकते खूब सफल होगा बेटा अभियान भारतीय" दादाजी की बात सुनकर मानो हम सभी के जान में जान आई और फिर सभी ने हमें जी भर कर आशीर्वाद दिया और सन्देश पुस्तिका में एक एक के सभी अपना अपना सन्देश लिखने लगे और फिर हम उनके सन्देश प्राप्त कर वहां से लौट आये|
मै जब से वृद्धाश्रम से बाहर आया हूँ, बस यही सोच रहा हूँ की ऐसी क्या वजह है की हम अपने अपनों को, अपने जन्मदाताओं को, उनके जीवन के अंतिम समय में भी तकलीफ सहने के लिए वृद्धाश्रम में छोड़ आते हैं? क्या हमारे उस देश में जहाँ मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम जी और श्रवण कुमार ने माता पिता की सेवा और भक्ति का आदर्श प्रस्तुत किया है वहां इन्हें थोडा सा मान सम्मान और अपनापन नहीं दे सकते ? जिस माँ बाप ने हमारे लिए जीवन भर कष्ट सहे क्या हम उनके लिए थोड़े भी कष्ट नहीं सह सकते ? क्या हमारी मानवीय संवेदना, हमारे नैतिक मूल्यों ने दम तोड़ दिया है?
"अभियान भारतीय" वृद्धाश्रम में तो वास्तव में प्रासंगिक है पर अब इसे हमें बाहर भी प्रासंगिक बनाना है हमें न केवल लोगों को जाती धर्म के भेदभाव को त्यागकर भारतीय बनने के लिए प्रेरित करना है वरन ऐसे लोग, जिनकी मानवीय संवेदना, नैतिक मूल्यों ने उनका साथ छोड़ दिया है, को फिर से उनमे जागृत करना है, एक भारतीय के मन में दुसरे भारतीय के लिए प्रेम की भावना का होना अत्यंत आवश्यक है और यही अभियान भारतीय का ध्येय भी है.................वन्दे मातरम !!
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बधाई हो गौरव जी, अभियान भारतीय की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है.. आपने अपने इस पोस्ट के माध्यम से एक अत्यंत संवेदन शील मुद्दा उठाया है जिस पर हर संतान को गौर करना चाहिए. जड़ से दूर जाकर किसी तने का पल्लवित - पुष्पित होना भ्रम के अलावा कुछ नहीं हो सकता. हमारे माता पिता हमारी जड़े हैं.. उन्हें उनका unka samman dena हमारा कर्तव्य है और उनका सांस्कारिक अधिकार भी. सुन्दर भावनाप्रद पोस्ट के लिए बधाई.
ReplyDeleteGaurav ji aapke kadam v kalam esi tarah sarthakataa ke saath chalate rahe .......... shubhkamanayen......
ReplyDeleteManoj Kandoi ji ko bhi dhanyavaad jinhone awagat karya ..........
गौरव आपको अभियान भारतीय की शानदार शुरुवात के लिए बधाई. बुजुर्गों के सम्बन्ध में आपके विचार अनुकरणीय हैं. आपका अभियान सफलता का इतिहास रचे इन्हेंन शुभकामनाओं के साथ.
ReplyDeleteजय भगवन परशुराम.
बधाई हो गौरव भाई. अभियान भारतीय की सफलता के लिए शुभकामनाएं.
ReplyDeletesach me bhaiya is post ko padhkar bar bar yahi prashn man me uthta hai ki kaise koi aulad apne ma baap ko akele marne ke liye chod sakta hai ................."abhiyan bhartiya" ko in bujurgon ka aashirwad mil gaya hai ab yah jarur safal hoga !!
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteBADHAI HO GAURAV BHAI ABHIYAN BHARTIY KE LIYE SUBHKAMNAYE AUR AASHA KARTE HAI KI AAGE BHI IS ABHIYAN KO SAFLTA KI SIDI MILTI JAYE..........AAPKE IS KADAM SE PURA DESH AAP PE GARV KAREGA...
ReplyDeletegorav bhai aaj ke time mein jo bhi ladka ya ladki apne maa baap ke saath yasa karte hai une to khud bhgvaan bhi maaf nahi karta hai ...or sayd maa baap bhi apne bhcho ko kabhi maaf nahi kre...maa baap kitne sapne dekhte hai apne bhaco ke liye or jab vo life mein kuch ban jate hai vo apne inhi maa baap ko ghar se bhar nikal dete hai ya une unke ghar ke kisi kone mein fcak dete hai ,,,,
ReplyDeletesaarthak post --badhaai
ReplyDeleteवन्दे मातरम मित्रों !!
ReplyDeleteआप सभी को बड़े खेद के साथ सूचित कर रहा हूँ की मेरी यह प्रोफाइल सहित ब्लॉग पुनः दुर्भावनावश हैक कर ली गयी है | "जिसे पुनः पाने को मै प्रयासरत हूँ", निश्चित ही ऐसी हरकत इस प्रोफाइल की बढती लोकप्रियता और "अभियान भार्त्यिया" के निरंतर प्रसार को रोकने के लिए किया गया है, जो की निश्चित रूप से हमारी सफलता ही है |
मै यह सन्देश अपने नवनिर्मित प्रोफाइल से आप सभी को प्रेषित कर रहा हूँ , मै सभी हैकर्स सहित उन तत्वों को शख्त लहजे में बता देना चाहता हूँ की आप जितने बार भी चाहें मेरी प्रोफाइल हैक करें पर मेरे विचार, मेरे आशिर्वाद्कों को, मेरे शुभचिंतकों को, मेरे मित्रों को, मेरी भावना को, मेरे देशप्रेम को, मेरे उत्साह को, "अभियान भार्त्यिया की लोकप्रियता को कदापि हैक नहीं कर सकते हैं वरन आपके इन प्रयासों से हमारी लोकप्रियता में और वृद्धि होगी |
जब हम "अभियान भारतीय" की दूसरी सीडी को आप सभी के समक्छ प्रस्तुत करने वाले थे और ऐसे समय में इस प्रोफाइल का हैक होना थोडा कस्त्दायक तो है पर मैंने हारना नहीं सिखा है आप सभी तक मै जल्दी ही इस प्रोफाइल अथवा नवनिर्मित प्रोफाइल के साथ उपस्थित होऊंगा ऐसी आशा ही नहीं वरन विश्वास है |
आप सभी से निवेदन है की फ़िलहाल आप मुझसे संपर्क मेरे न. 09301988885 पर तथा इस प्रोफाइल में कर सकते हैं आप सभी से मै अपील करता हूँ की आप सभी मुहे कृपया मित्रता निवेदन प्रस्तुत करें जिससे मै पुनः आप सभी के करीब आ सकूँ .......आपका अपना :- गौरव शर्मा "भारतीय" {gouravsharma.2222@gmail.com, 09301988885}
bahut achchha hai
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